Thursday, May 31, 2018

प्रश्न:-चार्टिस्ट आंदोलन राजनीतिक सुधारों के वेश में सामाजिक क्रांति का प्रयत्न था। व्याख्या करें।


19वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में इंग्लैंड में मजदूर वर्ग के हितों के संरक्षण के लिये चलाया गया आंदोलन ही चार्टिस्ट आंदोलन कहलाता है। औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप इंग्लैंड में अनेक नवीन औद्योगिक केंद्रों की स्थापना हुई जिससे ब्रिटेन के विभिन्न क्षेत्रें से लोग यहाँ आकर बसने लगे। किंतु सामाजिक-आर्थिक विषमता के कारण श्रमिकों की स्थिति गंभीर से गंभीरतम होती गई। इसी दुरावस्था को दूर करने के लिये श्रमिक वर्ग ने संसद के समक्ष अपनी मांगें रखीं। चूँकि ये मांगें एक चार्टर के रूप में थीं, अतः यह आंदोलन चार्टिस्ट आंदोलन कहलाया।

आंदोलनकारियों ने मांगों का एक दस्तावेज तैयार कियाजिसे ‘जनता का आज्ञापत्र’ कहा गया। इसमें छः मांगें थीं।

  1. सभी को वयस्क मताधिकार प्राप्त हो।
  2. निचले सदन की सदस्यता के लिये न्यूनतम संपत्ति की शर्त समाप्त हो।
  3. संसद का वार्षिक चुनाव हो।
  4.  मतदान गुप्त हो।
  5. संसद सदस्यों को वेतन दिया जाए।
  6. संसद क्षेत्र समान हों।
उपर्युक्त मांगों से यह पूर्णतया स्पष्ट हो गया कि यह एक राजनीतिक कार्यक्रम था। किंतु इन राजनीतिक सुधारों की मांग के पीछे आर्थिक और सामाजिक विषमता ही उत्तरदायी थी।
चूँकि नगरीय क्रांति के फलस्वरूप स्थापित औद्योगिक नगरों में मज़दूर वर्ग अनेक समस्याओं से ग्रसित था। अतः वयस्क मताधिकार और निचले सदन की सदस्यता प्राप्त कर वे अपने अधिकारों को सुनिश्चित कर सकते थे। राजनीतिक हिस्सेदारी के माध्यम से समाज विशेषकर मजदूर वर्ग में जागरूकता आती और उनमें समता (संसद क्षेत्र समान हो) की भावना स्थापित होती। इससे सामाजिक क्रांति का आविर्भाव होता है।
निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि चार्टिस्ट आंदोलन एक ऐसा प्रयत्न था, जिसके अंतर्गत राजनैतिक सुधारों के माध्यम से सामाजिक क्रांति लाने का उद्देश्य निहित था। इसका उद्देश्य समाज में आमूल-चूल परिवर्तन करके मजदूरों की दशा में सुधार करना था। यद्यपि यह आंदोलन असफल रहा तथापि इसके दूरगामी परिणाम रहे।