Monday, July 30, 2018

प्रश्न:-अभिरुचि से आप क्या समझते हैं? एक सिविल सेवक में किस प्रकार की अभिरुचियों का होना आवश्यक है?

           
       अभिरुचि किसी व्यक्ति की विशेषताओं का ऐसा संयोजन है जो बताता है कि अगर उसे उचित वातावरण और प्रशिक्षण दिया जाए तो वह किसी क्षेत्र विशेष में सफल होने के लिये आवश्यक योग्यताओं तथा दक्षताओं को सीखने की कितनी क्षमता रखता है। यह किसी क्षेत्र विशेष से संबंधित कौशल को सीखने अथवा ज्ञानार्जन की जन्मजात अथवा अर्जित क्षमता है। आमतौर पर अभिरुचियाँ जन्मजात होती हैं लेकिन वे अर्जित भी हो सकती हैं। अभिरुचि बुद्धिमत्ता, ज्ञान, समझ, रुचि, कौशल से भिन्न है। सामान्यतः एक अच्छे सिविल सेवक में निम्नलिखित अभिरुचियाँ होनी चाहिये-
  • भाषा पर सूक्ष्म पकड़: सिविल सेवा में निर्णयन की संपूर्ण प्रक्रिया नोटिंग और ड्राफ्टिंग के माध्यम से होती है। इसके अलावा सिविल सेवक को बहुत सारे प्रतिवेदन लिखने-पढ़ने और समझने भी होते हैं। अगर कोई व्यक्ति शब्दों के गलत प्रयोग के माध्यम से सिविल सेवक को बहकाने में सफल हो जाए तो एक भी गलत निर्णय देश को भारी हानि पहुँचा सकता है। इसलिए जटिल-से-जटिल कथनों का सटीक अर्थ समझने की क्षमता और कठिन-से-कठिन उलझी हुई बातों को सरल तथा पारदर्शी भाषा में लिखने की क्षमता अच्छे सिविल सेवक के लिये आवश्यक है।
  • उच्च तार्किक क्षमता: सिविल सेवक को जटिल परिस्थितियों को समझना, विभिन्न क्षेत्रों के तथ्यों को आपस में जोड़ना तथा उनका विश्लेषण करना आदि कार्य करने होते हैं। इसलिये उच्च तर्क क्षमता का होना ज़रूरी है। 
  • निर्णयन समस्या समाधान की सटीक क्षमता: यह तर्क क्षमता का ही व्यावहारिक रूप है। सिविल सेवक के कॅरियर में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब उसे स्पष्ट तथा कठिन निर्णय लेने होते हैं और उसके निर्णय की थोड़ी-सी भी चूक कई व्यक्तियों के जीवन पर भारी पड़ सकती है। इसके अलावा, उसे दिन-प्रतिदिन अपने कर्मचारियों से लेकर अपने क्षेत्र के निवासियों तक की विभिन्न समस्याओं का समाधान करना होता है, जिसके लिये एक सकारात्मक एवं सुलझा हुआ दृष्टिकोण आवश्यक है। 
  • गणितीय आँकड़ों को समझने की क्षमता: एक सिविल सेवक से यह अपेक्षा होती है कि वह गणित की आधारभूत संकल्पनाओं को भली प्रकार समझता हो, ताकि सामान्य गणनाएँ करने एवं उन्हें समझने में उसे समस्या हो, क्योंकि उसके सभी प्रतिवेदन आँकड़ों के प्रस्तुतीकरण पर आधारित होते हैं।
  • संचार एवं संप्रेषण का कौशल: एक अच्छे सिविल सेवक से आशा होती है कि वह समाज को उचित नेतृत्व दे सके। इसके अलावा, उसे बहुत सारे कर्मचारियों का प्रबंधन भी करना होता है। लोक कल्याणकारी राज्य में राज्य जिस विकास को साधना चाहता है उसके लिये ज़रूरी है कि जनता भी उस प्रक्रिया को समझे तथा सक्रिय रूप से उसमें शामिल हो। इसके लिये ज़रूरी है कि लोक सेवक में दूसरों की बातों, विचारों और भावनाओं को समझने की तथा अपनी बात को सटीक तरीके से समझाने की क्षमता होनी चाहिये। 
       उपरोक्त के अतिरिक्त एक सिविल सेवक को अपने आस-पास तथा विश्व की घटनाओं और स्थितियों एवं समस्याओं को जानने और समझने की सामान्य आदत भी होनी चाहिये।

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