शिक्षा और स्वास्थ्य
को जीवन की
मूलभूत आवश्यकताओं में से
एक माना जाता
है, जिससे लोगों
में क्षमता विकास
किया जा सकता
है l
भारत वर्तमान दौर में
गरीबी और बेरोजगारी
जैसी समस्याओं से
जूझ रहा है
प्रो. अमर्त्य सेन
ने गरीबी की
नई अवधारणा वास्तविक
गरीबी के संदर्भ
में कहा है
कि क्षमताओं का
अभाव गरीबी है
यहां क्षमताओं से
तात्पर्य लोगों के शिक्षा
स्वास्थ्य और जीवन
स्तर से है
अगर किसी को
स्वास्थ्य शिक्षा आदि न्यूनतम
रूप से उचित
स्थान प्राप्त नहीं
है तो यह
माना जाएगा कि
व्यक्ति में क्षमता
का अभाव है
और यही अभाव
गरीबी है यही
कारण है कि
प्रोफेसर अमर्त्य सेन द्वारा
शिक्षा और स्वास्थ्य
पर जोर दिया
गयाl
UNDP द्वारा 2010 में शुरू
किए गए MPI की पहचान
करने के लिए
वास्तविक गरीबी की अवधारणा
को ध्यान में
रखा गया हैl
वास्तविक गरीबी की
अवधारणा में लोगों
की गरीबी का
अनुमान करने के
लिए उनकी आय या खर्च
को ध्यान में नहीं
रखा जाता है
यह ध्यान में
रखा जाता है
कि उनकी शिक्षा
स्वास्थ्य और जीवन
स्तर को लेकर
उनकी से जुड़े 10 मानकों को लेकर उनकी वचनाओं की स्थिति कैसी
हैl
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