Tuesday, October 2, 2018

प्रश्न:- राज्य और उसकी अवधारणा को समझाते हुए राज्य के संदर्भ में नागरिकों के अधिकारों का वर्णन करें।

राज्य एक ऐसी संगठित व शासकीय इकाई है जिसका मुख्य उद्देश्य समाज कल्याण तथा व्यवस्थित और सुचारु रुप से समाज को विकास पथ पर लाना है।

आधुनिक संदर्भ में मैकियावेली ने 'राज्य' (द स्टेट) शब्द का प्रयोग 1513 ईस्वी  में अपनी पुस्तक "द प्रिंस" में भू-क्षेत्रीय संप्रभु सरकार के वर्णन करने हेतु किया था।

उल्लेखनीय है वेस्टफेलिया संधि 1648 ईस्वी के अनुसार राज्य होने के तीन तत्व थे जनसंख्या , क्षेत्र तथा सरकार परंतु मोंटेवीडियो कन्वेंशन 1913  ईस्वी के अनुसार किसी भी समुदाय संगठन को राज्य होने के लिए चार तत्वों का होना आवश्यक है_

    जनसंख्या,
    क्षेत्र,
    सरकार तथा
    संप्रभुता

राज्य के निवासी एवं राज्य में सहभागी को उस राज्य का नागरिक कहा जाता है जिसे राज्य द्वारा कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं ।

राज्य द्वारा नागरिकों को दिए गए अधिकारों में सबसे महत्वपूर्ण अधिकार मताधिकार को माना जाता है क्योंकि नागरिक अपने मत का प्रयोग करके ही राज्य में सरकार का निर्माण करती है जो कि राज्य के चार आवश्यक तत्व में से एक है ।

इसके अलावा और अन्य अधिकार भी दिए गए हैं जो सिर्फ राज्य के नागरिक को ही प्रदान किया गया है जिनमें मौलिक अधिकार प्रमुख हैं ।

अन्य अधिकारों के साथ-साथ भारत में नागरिकों के लिए संवैधानिक पद तथा कुछ अन्य महत्वपूर्ण पद पर भी नियुक्ति के लिए मानदंडों में नागरिकता को आवश्यक अहर्ता के रूप में रखा गया है।