Sunday, September 2, 2018

Polity MCQ (नागरिकता)

[1]
निम्नलिखित पर विचार कीजियेः
1. नए राज्यों का निर्माण।
2. नए राज्यों का प्रवेश।
3. राज्यों के नामों में परिवर्तन। 

उपर्युक्त में से किस-किस का संबंध संविधान के अनुच्छेद-3 से है
A)
केवल 1 और 2
B)
केवल 1 और 3
C)
केवलऔर 3
D)
1, 2 और 3

उत्तरः (b)

व्याख्याः कथन (1) और (3) का संबंध भारतीय संविधान के अनुच्छेद-3 से है। इस अनुच्छेद में प्रावधान है कि संसद विधि द्वारा नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन कर सकेगा। संसद विधि द्वारा किसी राज्य का क्षेत्र बढ़ा या घटा सकेगा। अनुच्छेद-3 का संबंध राज्यों के पुनर्सीमन से है।
  • संविधान का अनुच्छेद-2 यह प्रावधान करता है कि संसद विधि द्वारा नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना कर सकेगी।
  • संविधान का अनुच्छेद-4 यह प्रावधान करता है कि संसद अनुच्छेद-2 एवं 3 के प्रावधानों में कोई परिवर्तन करती है तो उसे अनुच्छेद-368 के तहत संशोधन नहीं माना जाएगा।
  • अनुच्छेद-1 में कहा गया है कि भारत, अर्थात् इंडिया, राज्यों का संघ होगा। इस अनुच्छेद में भारत के राज्य क्षेत्र को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है-
() राज्यों के राज्य क्षेत्र
() पहली अनुसूची में शामिल संघ राज्यक्षेत्र
() ऐसे अन्य राज्यक्षेत्र, जो भारत सरकार द्वारा किसी भी समय अर्जित किये जाये।

[2]
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
A)
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे छोटा राज्य सिक्किम है।
B)
जनसंख्या की दृष्टि से भारत का सबसे छोटा राज्य गोवा है।
C)
भारत में गाँवों का सबसे अधिक प्रतिशत हिमाचल प्रदेश में है।
D)
तेलंगाना की राजधानी अमरावती को बनाया गया है।

उत्तरः (c)

व्याख्याः केवल कथन (c) सही है, क्योंकि भारत में गाँवों का सबसे अधिक प्रतिशत हिमाचल प्रदेश में है।
  • क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे छोटा राज्य गोवा है, कि सिक्किम।
  • जनसंख्या की दृष्टि से भारत का सबसे छोटा राज्य सिक्किम है, कि गोवा।
  • अमरावती को आंध्र प्रदेश की राजधानी बनाया गया है, कि तेलंगाना की। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद है।
[3]
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. संसद किसी राज्य की सीमा, क्षेत्र या नाम में परिवर्तन उसके सहमति के बिना नहीं कर सकती है।
2. संसद राज्यों की सीमा, क्षेत्र या नाम में परिवर्तन विशेष विधायी प्रक्रिया द्वारा ही कर सकती है। 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन करें।
A)
केवल 1
B)
केवल 2
C)
1 और 2 दोनों
D)
तो 1 और ही 2

उत्तरः (d)

व्याख्याः संविधान के अनुच्छेद-4 में यह प्रावधान किया गया है कि संसद नए राज्यों के प्रवेश या गठन अथवा नए राज्यों के निर्माण या किसी राज्य की सीमा, क्षेत्र या नाम में परिवर्तन बिना किसी राज्य की सहमति से कर सकती है। संसद यह परिवर्तन साधारण विधायी प्रक्रिया/साधारण बहुमत द्वारा करती है। केवल संसद ही इस संबंध में विधेयक बना सकती है। अतः उपर्युक्त दोंनों कथन गलत हैं  
[4]
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. गोवा
2. पुडुचेरी
3. दमन एवं दीव
4. सिक्किम
5. दादरा एवं नागर हवेली

उपर्युक्त में से कौन-से क्षेत्र भारत द्वारा अर्जित (Acquire) क्षेत्र हैं?
A)
 केवल 1 और 2
B)
केवल 1, 2 और 3
C)
केवल 2, 4 और 5
D)
1,2,3,4 और 5

उत्तरः (d)

व्याख्याः गोवा और दमन एवं दीव में सन् 1961 से पूर्व पुर्तगालियों का अधिकार था। भारत ने सन् 1961 में पुलिस कार्यवाही के द्वारा इन क्षेत्रों को अधिगृहीत कर लिया।
  • पुडुचेरीः 1954 तक इस पर फ्राँस का अधिकार था। 1954 में फ्राँस ने इसे भारत को सौंप दिया।
  • सिक्किमः 1947 में ब्रिटिश शासन समाप्त होने के पश्चात् भारत ने इसे रक्षित क्षेत्र घोषित किया। 1947 तक इस पर चोग्याल का शासन था। 35वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा सहयुक्त एवं 36वें संशोधन अधिनियम द्वारा पूर्ण राज्य का दर्ज़ा प्रदान किया गया।
  • दादर एवं नागर हवेलीः 1954 तक यहाँ पुर्तगालियों का शासन था। भारत द्वारा 1961 में इसे संघ राज्यक्षेत्र का दर्ज़ा दिया गया।
[5]
मूल अधिकारों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
2. लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता
3. विचार, अभिव्यक्ति, शान्तिपूर्ण सम्मेलन, निर्बाध विचरण, निवास एवं संघ बनाने की स्वतंत्रता
4.   प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण 
 उपर्युक्त में  कौन-से मूल अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं?

A)
केवल 1 एवं 2
B)
केवल 1, 2 एवं 3
C)
केवल 2, 3 एवं
D)
1, 2, 3 और 4

उत्तरः (b)

व्याख्याः भारतीय संविधान के पाँच मूल अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं। ये मूल अधिकार, विदेशी नागरिकों को नहीं दिये गए हैं, जो निम्नलिखित हैं:
  • अनुच्छेद-15: धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध।
  • अनुच्छेद-16: लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता।
  • अनुच्छेद-19: विचार एवं अभिव्यक्ति, शान्तिपूर्ण सम्मेलन, निर्बाध विचरण, निवास एवं संघ बनाने की स्वतंत्रता।
  • अनुच्छेद-29: अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण।
  • अनुच्छेद-30: शिक्षण संस्थाओं की स्थापना एवं प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार।
  • अनुच्छेद-21: प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण भारतीय एवं विदेशी दोनों नागरिकों को प्राप्त है।
[6]
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. भारतीय संविधान के भाग-2 में प्रावधान किया गया है कि संसद एवं राज्य के विधानमंडल नागरिकता संबंधी विधि बना सकते हैं।
2. भारत एवं अमेरिका में केवल जन्मजात नागरिक ही राष्ट्रपति बन सकते हैं।
3. भारत, ब्रिटेन एवं अमेरिका के संविधान एकल नागरिकता का प्रावधान करते हैं।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
A)
केवल
B)
केवल 2
C)
1, 2 और 3
D)
उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तरः (d)

व्याख्याः उपरोक्त तीनों कथन सही नहीं हैं, क्योंकि-
  • भारतीय संविधान के भाग-2 (अनुच्छेद 5-11) में नागरिकता संबंधी प्रावधान किया गया। इसमें नागरिकता संबंधी कानून बनाने की शक्ति केवल संसद को दी गई है।
  • अमेरिका में केवल जन्मजात नागरिक ही राष्ट्रपति बन सकता है, परन्तु भारत में जन्मजात या प्राकृतिक रूप से नागरिकता प्राप्त व्यक्ति भी राष्ट्रपति बनने की योग्यता रखता है।
  • भारत एवं ब्रिटेन में एकल नागरिकता, जबकि अमेरिका एवं स्विट्ज़रलैंड में दोहरी नागरिकता संबंधी प्रावधान है।
[7]
सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिए गये कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये
सूची-I(नागरिकता)  
सूची-II(अनुच्छेद)                
A. वह व्यक्ति जो भारत का मूल निवासी हो
1. अनुच्छेद-5 
B. वह व्यक्ति जो भारत से पाकिस्तान स्थानान्तरित हुआ हो, परन्तु बाद में भारत लौट आया हो
2. अनुच्छेद-6  
C. वह व्यक्ति जो पाकिस्तान से भारत स्थानान्तरित हुआ हो
3. अनुच्छेद-7
D. भारतीय मूल का वह व्यक्ति जो भारत से बाहर रह रहा हो
4. अनुच्छेद-8
 कूटः
    A            B      C      D

A)
1              2              3              4
B)
1              3              2              4
C)
4              2              3              1
D)
4              3              2              1

उत्तरः (b)

व्याख्याः भारत में नागरिकता के संबंध में एक संवैधानिक प्रावधान है, जिसकी चर्चा अनुच्छेद-5 से 11 तक की गई है इसमें नागरिकता की प्राप्ति, समाप्ति एवं संसद द्वारा विधि बनाने संबंधी प्रावधान शामिल हैं एवं दूसरी संसद द्वारा नागरिकता अधिनियम, 1955 पारित किया गया है।
संवैधानिक प्रावधान:

अनुच्छेद-5 में प्रावधान किया गया है कि संविधान के प्रारंभ होने पर जिस व्यक्ति का अधिवास (domicile) भारत के राज्य क्षेत्र में है एवं कुछ शर्तों का पालन करता है अर्थात् वह व्यक्ति जो भारत का मूल निवासी हो।
अनुच्छेद-6 में उस व्यक्ति की चर्चा है, जिसका पाकिस्तान से भारत में प्रव्रजन/स्थानांतरण हुआ है। इसे दो भागों में विभाजित किया गया है;
(a) जो 19 जुलाई, 1948 से पहले भारत आए थे।
(a) जो 19 जुलाई, 1948 को या उसके बाद भारत आए है
अनुच्छेद-7 में उस व्यक्ति की चर्चा की गई है, जो भारत से पाकिस्तान स्थानान्तरण/प्रव्रजन कर गए थे, परन्तु बाद में भारत लौट आए।
अनुच्छेद-8 में उस व्यक्ति के संबंध में चर्चा की गई है, जो भारतीय मूल/उद्भव के हैं, परंतु वह भारत के बाहर रहते हैं।
अनुच्छेद-9 में प्रावधान किया गया है कि कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता अर्जित कर लेता है, तो वह व्यक्ति अनुच्छेद-5, 6 या 8 के आधार पर भारत का नागरिक नहीं समझा जाएगा।
अनुच्छेद-10 संसद को नागरिकता संबंधी विधि बनाने का अधिकार देता है।
अनुच्छेद-11 में प्रावधान किया गया है कि नागरिकता के अर्जन या समाप्ति या नागरिकता संबंधी अन्य विषयों के संबंध में संसद की शक्ति कम नहीं होगी।
[8]
नागरिकता अधिनियम,1955 नागरिकता प्राप्त करने संबंधी कुछ प्रावधान करता है। निम्नलिखित में से कौन-सा प्रावधान इसमें शामिल नहीं है?
A)
जन्म के आधार पर (by birth)
B)
वंश के आधार पर (by descent)
C)
पंजीकरण के आधार पर (by Registration)
D)
राष्ट्रीयकरण के आधार पर (by nationalisation)

उत्तरः (d)
व्याख्याः उपर्युक्त में से विकल्प-d गलत है, क्योकि राष्ट्रीयकरण (Nationalisation) के स्थान पर देशीयकरण/प्राकृतिकरण (Naturalisation) होगा। 
  • नागरिकता अधिनियम, 1955 में नागरिकता प्राप्त करने संबंधी पाँच प्रावधान किये गए हैं:
(1) जन्म से (by birth)
(2) वंश के द्वारा (by descent)
(3) पंजीकरण द्वारा (by registration)
(4) देशीयकरण/प्राकृतिकरण द्वारा (by naturalisation)
(5) राज्य क्षेत्र के समावेशन द्वारा (by incorporation of territory)

[9]
सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिये:
सूची-I (नागरिकता का अर्जन)  
सूची-II (योग्य व्यक्ति)        
A. जन्म के द्वारा 
1. जिस व्यक्ति का जन्म 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद, परन्तु 10 दिसम्बर, 1992 से पूर्व भारत के बाहर हुआ हो। 
B. वंश के आधार पर            
2.  जिस व्यक्ति का जन्म 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद, परन्तु 1 जुलाई, 1947 से पूर्व भारत में हुआ हो।
C. देशीयकरण के आधार पर   
3. संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लिखित भाषाओं में से किसी एक  का अच्छा ज्ञाता हो।
D. पंजीकरण के द्वारा         
4. भारतीय मूल का व्यक्ति जो नागरिकता प्राप्ति के लिये आवेदन देने से ठीक पहले 7 वर्ष तक भारत में रह चुका हो।
 कूटः
    A            B      C      D

A)
2              1              3              4
B)
2              3              1              4
C)
4              1              3              2
D)
4              3              1              2

उत्तरः (a)
  • जन्म के द्वारा            - जिस व्यक्ति का जन्म 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद, परन्तु 1 जुलाई, 1947 से पूर्व भारत में हुआ हो।
  • वंश के आधार पर         - जिस व्यक्ति का जन्म 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद, परन्तु 10 दिसम्बर, 1992 से पूर्व भारत के बाहर हुआ हो।

  • देशीयकरण के आधार पर - संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लिखित भाषाओं में से किसी एक का अच्छा ज्ञाता हो।
  • पंजीकरण के द्वारा        - भारतीय मूल का व्यक्ति जो नागरिकता प्राप्ति के लिये आवेदन देने से ठीक पहले 7 वर्ष तक भारत में रह चुका हो।
[10]
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
A)
कोई व्यक्ति जो देशीयकरण द्वारा भारत का नागरिक है, उसे कभी भी नागरिकता से वंचित नहीं किया जा सकता है।
B)
जो व्यक्ति भारतीय नागरिकता का स्वेच्छा से त्याग करता है, उस व्यक्ति का प्रत्येक नाबालिग बच्चा भारत का नागरिक नहीं रह जाएगा।
C)
 पंजीकरण या प्राकृतिक नागरिकता के पाँच वर्ष के दौरान नागरिक को किसी अन्य देश में 6 माह की कैद हुई हो तो भारतीय नागरिकता से वंचित कर दिया जाएगा।
D)
यदि कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता तब तक समाप्त नहीं होगी, जब तक भारत सरकार उसे बर्खास्त करे।

उत्तरः (b)

व्याख्याः कथन-b सही है। जब कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता का त्याग करता है, तो उस व्यक्ति का प्रत्येक नाबालिग बच्चा भारतीय नागरिक नहीं रहेगा।
  • प्राकृतिकरण/देशीयकरण के द्वारा प्राप्त नागरिक को भी भारतीय नागरिकता से वंचित किया जा सकता है।
  • पंजीकरण या प्राकृतिक नागरिकता के पाँच वर्ष के दौरान नागरिक को किसी अन्य देश में 2 वर्ष की कैद हुई हो तो उसे भारतीय नागरिकता से वंचित कर दिया जाएगा। अतः छः माह के स्थान पर 2 वर्ष होगा।
  • यदि कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी दूसरे देश की नागरिकता ग्रहण कर लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाएगी।
  • गरिकता खोने के तीन कारण बताए गए हैं:
(1)          स्वैच्छिक त्याग (Renunciation of Citizenship)
(2)          नागरिकता की बर्खास्तगी (Termination of Citizenship)
(3)          नागरिकता से वंचित (Deprivation of Citizenship)

[11]
भारतीय विदेशी नागरिकता कार्डहोल्डर के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
A)
 इसमें भारतीय मूल के व्यक्ति कार्ड योजना एवं समुद्रपारीय भारतीय नागरिक कार्ड योजना का विलय किया गया है।
B)
 इसे भारत में मतदान करने का अधिकार नहीं होगा।
C)
 इसे भारत में संवैधानिक एवं सार्वजनिक पद प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा।
D)
 उपर्युक्त सभी।

उत्तरः (d)

व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सही हैं।

भारतीय विदेशी नागरिक कार्डहोल्डर एक नई योजना है, जिसमें पी.आई.. एवं .सी.आई. कार्ड योजना का विलय किया गया है। यह नई कार्ड योजना नागरिक (संशोधन) अधिनियम, 2015 में प्रारंभ किया गया है।

पी.आई.. कार्ड योजना 2002 में एवं .सी.आई. कार्ड योजना 2005 में शुरू की गई थी। अब पी.आई.. कार्ड योजना को समाप्त कर दिया गया है।
यह भारत में निम्नलिखित के लिये योग्य नहीं होंगे:
               - मतदान के लिये।
               - राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति चुने जाने के लिये।
               - लोकसभा, राज्य सभा, विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य चुने जाने के लिये।
               - सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने के लिये।
               - सार्वजनिक पद प्राप्त करने के लिये आदि।

[12]
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. नागरिकता अधिनियम, 1955 में अब तक चार बार संशोधन किया जा चुका है।
2. भारतीय मूल के व्यक्तियों को दोहरी नागरिकता प्रदान करने के लिये भारत में वर्ष 2003 में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन करें।
A)
 केवल 1
B)
 केवल 2
C)
 1  और 2 दोनों
D)
  तो 1 और ही 2

उत्तरः (d)

व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन गलत हैं, क्योंकि नागरिकता अधिनियम, 1955 में 2015 तक कुल आठ बार संशोधन किया जा चुका है, जो निम्नलिखित है:

(1) वर्ष 1957
(2) वर्ष 1960
(3) वर्ष 1985
(4) वर्ष 1986
(5) वर्ष 1992
(6) वर्ष 2003
(7) वर्ष 2005
(8) वर्ष 2015

  • भारतीय मूल के व्यक्तियों को दोहरी नागरिकता प्रदान करने के लिये सितम्बर 2000 में एल.एम. सिंघवी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया कि वर्ष 2003 में। इस समिति द्वारा जनवरी 2002 में अपनी रिपोर्ट सौपी गई एवं नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2003 में 16 निर्दिष्ट देशों में (पाकिस्तान एवं बांग्लादेश को छोड़कर) भारतीय मूल के व्यक्तियों के लिये विदेशी भारतीय नागरिकता का प्रावधान किया गया।
  • नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2005 में सभी देशों में (पाकिस्तान एवं बांग्लादेश को छोड़कर) भारतीय मूल के व्यक्तियों के लिये विदेशी भारतीय नागरिकता का प्रावधान किया गया।
[13]
मूल अधिकार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. वाद-योग्य नहीं हैं।
2. न्याय-योग्य नहीं हैं।
3. संशोधन-योग्य नहीं हैं।
4. उच्चतम न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार के अंतर्गत नहीं आते हैं।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन करें।
A)
 केवल 1 और 2
B)
 केवल 1 और 3
C)
 केवल
D)
 केवल 1, 2 और 4

उत्तरः (c)

व्याख्याः उपर्युक्त में से केवल कथन 4 सही है। 
  • मूल अधिकार वाद-योग्य हैं, जबकि राज्य के नीति निदेशक तत्त्व अवाद-योग्य हैं।
  • मूल अधिकार न्याय-योग्य/न्यायोचित हैं, क्योंकि इनके  उल्लंघन पर व्यक्ति उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय में जा सकता है।
  • संसद, संविधान के अनुच्छेद-368 के तहत मूल अधिकारों में संशोधन कर सकती है,परंतु साधारण विधि से नहीं।
  • मूल अधिकार के उल्लंघन पर कोई व्यक्ति सीधे उच्चतम न्यायालय में जा सकता है, परंतु यह उच्चतम न्यायालय के मूल (Original) क्षेत्राधिकार के अंतर्गत नहीं आता है। उच्चतम न्यायालय के मूल (Original) क्षेत्राधिकार को अनन्य क्षेत्राधिकार भी कहते हैं। 
  • मौलिक अधिकार असीमित नहीं हैं। राज्य इन पर युक्तियुक्त प्रतिबंध लगा सकता है।
  • आपातकाल के समय मूल अधिकार को निलंबित किया जा सकता है, अनुच्छेद-20 एवं 21 को छोड़कर।
[14]
मूल अधिकार के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
A)
 वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारतीय नागरिकों के साथ-साथ विदेशियों को भी प्राप्त है।
B)
 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध विदेशियों को प्राप्त नहीं है।
C)
 प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण भारतीय नागरिकों के साथ-साथ विदेशियों को भी प्राप्त है।
D)
 उपरोक्त सभी।

उत्तरः (a)

व्याख्याः उपर्युक्त कथनों में से कथन (a) गलत है, क्योंकि कुछ ऐसे मूल अधिकार हैं, जो केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं, जैसे:

i. अनुच्छेद-15
ii. अनुच्छेद-16
iii. अनुच्छेद-19
iv. अनुच्छेद-29
v. अनुच्छेद-30

वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद-19(1) () में वर्णित है। यह मूल अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिबंध संविधान के अनुच्छेद-15 में वर्णित है। यह अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।

प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण संविधान के अनुच्छेद-21 में वर्णित है। यह मूल अधिकार भारतीय नागरिकों एवं विदेशियों दोनों को प्राप्त है।
[15]
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. भारतीय संविधान में मूल अधिकारों को शामिल करने के लिये नेहरू रिपोर्ट (1928) में समर्थन किया गया था।
2. भारतीय संविधान के भाग-3 में राज्य को परिभाषित किया गया है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन करें।
A)
 केवल 1
B)
 केवल 2
C)
 1 और 2 दोनों 
D)
  तो 1 और ही 2

उत्तरः (c)

व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं।
  • नेहरू रिपोर्ट, 1928 में मूल अधिकारों को संविधान में शामिल करने का समर्थन किया गया था।
  • भारतीय संविधान के भाग-3 के अनुच्छेद-12 से 35 तक मूल अधिकारों की चर्चा की गई है। अनुच्छेद-12 में राज्य की विस्तृत परिभाषा दी गई है।
[16]
भारत में मूल अधिकारों के संदर्भ में निम्नांकित में से कौन-सा कथन  ‘असत्यहै?
A)
 यह राज्य के कार्यों के विरुद्ध एक गारंटी है।
B)
 यह सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करता है।
C)
 यह अमेरिका में अधिकारों के बिल की भाँति है।
D)
 इसे आपातकालीन स्थिति में निलंबित किया जा सकता है।

उत्तरः (b)

व्याख्याः कथन (b) असत्य है, क्योंकि सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय संबंधी प्रावधान भारतीय संविधान की प्रस्तावना एवं राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत में किया गया है, कि मूल अधिकार में।
  • मूल अधिकार राज्य के कार्यों के विरुद्ध गारंटी प्रदान करते हैं। मूल अधिकारों के उल्लंघन पर व्यक्ति राज्य के विरुद्ध न्यायालय में जा सकता है।
  • भारत में मूल अधिकार अमेरिका मेंबिल ऑफ राइट्सके समान है।
  • आपातकालीन स्थिति में अनुच्छेद-20 एवं 21 को छोड़कर अतिरिक्त मूल अधिकारों को निलंबित किया जा सकता है।
[17]
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. संविधान का अनुच्छेद-13 संवैधानिक प्रावधानों को संसद या राज्य के विधानमंडलों द्वारा बनाए गए नियमों/कानूनों पर प्राथमिकता प्रदान करता है।
2. भारत में मूल अधिकारों को लागू करने की शक्ति केवल उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों को प्राप्त है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिये:
A)
 केवल 1
B)
 केवल 2
C)
 1 और 2 दोनों 
D)
  तो 1 और ही 2

उत्तरः (c)

व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 13 में यह प्रावधान किया गया है कि संसद या राज्य के विधानमंडलों द्वारा ऐसी कोई विधि/कानून नहीं बनाई जाएगी, जो भाग-3 में प्रदत्त मूल अधिकारों को छीनता या न्यून करता हो। यदि कोई विधि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है तो उस सीमा तक विधि शून्य/अवैध होगी।
  • भारत में केवल उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों को मूल अधिकारों को प्रवर्तन करने की शक्ति प्राप्त है। वे संविधान के अनुच्छेद-32 एवं 226 के तहत रिट निकाल सकते हैं।
[18]
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. समानता का अधिकार एक मूल अधिकार है, जिसकी चर्चा भारतीय संविधान के चार अनुच्छेदों के अंतर्गत की गई है।
2. धर्म आदि के आधार पर विभेद का प्रतिषेध एक मूल अधिकार है, जिसका उल्लेख समानता के अधिकार के अंतर्गत किया गया है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिये:
A)
 केवल 1
B)
 केवल 2
C)
 1 और 2 दोनों 
D)
  तो 1 और ही 2

उत्तरः (b)

व्याख्याः उपर्युक्त में से कथन 1 गलत हैं, क्योंकि समानता का अधिकार एक मूल अधिकार है। इनकी चर्चा संविधान के पाँच अनुच्छेदों (अनुच्छेद-14-18) में की गई है कि चार अनुच्छेदों में। धर्म आदि के आधार पर विभेद का प्रतिषेध एक मूल अधिकार है। इसकी चर्चा समानता के अधिकार (अनुच्छेद-15) के अंतर्गत की गई है।
[19]
भारतीय संविधान के मूल अधिकार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. विधि के समक्ष समता ब्रिटेन के संविधान से लिया गया है। यह एक सकारात्मक अधिकार है।
2. विधियों का समान संरक्षण अमेरिका के संविधान से लिया गया है। यह एक नकारात्मक अधिकार है।

नीचे दिये गए कूटों का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिये:
A)
 केवल 1
B)
 केवल 2
C)
 1 और 2 दोनों
D)
  तो 1 और ही 2

उत्तरः (d)

व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन गलत हैं।
  • संविधान के अनुच्छेद-14 में कहा गया है कि राज्य, भारत के राज्यक्षेत्र में किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता से या विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा।
  • विधि के समक्ष समता ब्रिटेन के संविधान से लिया गया है। यह एक नकारात्मक अधिकार है, जबकि विधियों का समान संरक्षण अमेरिका के संविधान से लिया गया है। यह एक सकारात्मक अधिकार है।
[20]
भारतीय संविधान के अनुच्छेद-16 के अंतर्गत नियोजन के विषय में अवसर की समता के अपवाद के अंतर्गत निम्नलिखित में से कौन शामिल नहीं है?
A)
 अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिये राज्य सेवाओं में पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था।
B)
 राज्य के अधीन सेवाओं में पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की व्यवस्था।
C)
 अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के लिये सरकारी, गैर-सरकारी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था।
D)
 धार्मिक या सांप्रदायिक संस्था के क्रियाकलाप से संबंधित किसी विशिष्ट धर्म/संप्रदाय के पदधारी संबंधी प्रावधान।

उत्तरः (c)

व्याख्याः कथन (c) संबंधी प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(5) के अंतर्गत किया गया है। 93वें संविधान संशोधन अधिनियम के द्वारा यह प्रावधान जोड़ा गया। अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को छोड़कर सभी सरकारी एवं गैर-सरकारी शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के आरक्षण संबंधी प्रावधान है।
  • अनुच्छेद 15(3) स्त्रियों एवं बच्चों के लिये विशेष प्रावधान की व्यवस्था करता है।
  • कथन (a) संबंधी प्रावधान अनुच्छेद-16(4) () में किया गया है। 77वें संविधान संशोधन अधिनियम 1995 द्वारा यह प्रावधान जोड़ा गया है। इसके लिये 82वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2000 भी किया गया एवं संविधान के अनुच्छेद-335 में संशोधन किया गया। 85वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2001 के द्वारा पदोन्नति में आरक्षण के साथ पारिमाणिक ज्येष्ठता (Consequential Seniority) जोड़ा गया और इसे भूतलक्षी प्रभाव (retrospective effect) से लागू किया गया।
  • कथन (b) संबंधी प्रावधान अनुच्छेद 16(4) में किया गया है।
  • कथन (d) संबंधी प्रावधान अनुच्छेद 16(5) में किया गया है।


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