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Sunday, August 19, 2018

History MCQ Set-001

[1]
निम्नलिखित में से कौन-सा आयोग 1857 के बाद सैन्य पुनर्गठन के लिये बनाया गया?
A)
हंटर कमीशन
B)
वुड कमीशन
C)
पील कमीशन
D)
रैले कमीशन
 [2]
1857 के विद्रोह के स्वरूप के संदर्भ में विविध दृष्टिकोणों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा एक युग्म सुमेलित नहींहै?
A)
डिजराइली : राष्ट्रीय विद्रोह
B)
एस.एन. सेन : राष्ट्रीयता के अभाव में भारत का स्वतंत्रता संग्राम
C)
लॉरेन्स एवं सीले :  सभ्यता एवं बर्बरता का संघर्ष
D)
रीज़ : धर्मान्धों का ईसाई धर्म के विरुद्ध युद्ध
 [3]
1857 के विद्रोह के कारणों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः

1. न्यायालय में फारसी के स्थान पर अंग्रेज़ी को प्रोत्साहन दिया जाने लगा।
2. ब्रिटिश व्यापार, भू-राजस्व एवं औद्योगिक नीतियों ने भारत को ब्रिटिश साम्राज्य का आर्थिक उपनिवेश मात्र बना दिया था।
3. 1850 ई. में धार्मिक निर्योग्यता अधिनियम पारित किया गया।
4. 1857 में कैनिंग ने सामान्य सेवा भर्ती अधिनियम नामक कानून बनाया, जिसके अनुसार ब्रिटिश सरकार सैनिकों से जहाँ चाहे वहाँ कार्य करवा सकती थी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A)
केवल 1
B)
केवल 2 और 3
C)
केवल 1, 2 और 4
D)
1, 2, 3 और 4
 [4]
1857 के विद्रोह के परिणामों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः

1. भारत सचिव के पद का सृजन किया गया तथा गवर्नर जनरल को अब वायसराय कहा जाने लगा।
2. 1861 ई. में ‘इंडियन सिविल सर्विसेज एक्ट’ पास हुआ।
3. सेना में भारतीयों एवं यूरोपीयों का अनुपात 2 : 1 हो गया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A)
केवल 1
B)
केवल 2
C)
केवल 3
D)
1, 2 और 3
 [5]
स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा कथन असत्य है?
A)
यह व्यवस्था कार्नवालिस के काल में अपनाई गई।
B)
इस व्यवस्था के अंतर्गत किसानों को भूमि का स्वामी मान लिया गया।
C)
यह व्यवस्था 1793 में कंपनी की स्वीकृति मिलने के बाद लागू की गई।
D)
इस व्यवस्था के अंतर्गत लगान के रूप में राजस्व का 8/9 भाग कंपनी को देना होता था।
 [6]
‘सूर्यास्त का नियम’ किस भूमि व्यवस्था से संबंधित था?
A)
स्थायी बंदोबस्त
B)
रैयतवाड़ी और महालवाड़ी
C)
महालवाड़ी
D)
स्थायी बंदोबस्त और महालवाड़ी
 [7]
स्थायी बंदोबस्त भारत के किस/किन हिस्से/हिस्सों में लागू किया गया?
A)
बंगाल, बनारस, उत्तरी कर्नाटक    
B)
बंबई, अवध
C)
पंजाब
D)
मध्य प्रांत
 [8]
स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था की असफलता के संदर्भ में निम्नलिखित कारणों में कौन-सा कारण सही नहीं है?
A)
कृषि विकास का फायदा जमींदारों के साथ-साथ अंग्रेज़ों को भी मिला, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई परंतु यह फायदा नियमित नहीं था।
B)
सूर्यास्त सिद्धांत के तहत बेदखली के कारण ‘गैर-हाज़िर-जमींदारी’ प्रथा का विकास हुआ।
C)
बेदखली के भय से जमींदार सही ढंग से अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभा रहे थे।
D)
कृषकों के शोषण में वृद्धि हुई।
 [9]
‘मुनरो’ तथा ‘रीड’ का संबंध किस भू-राजस्व व्यवस्था से है?
A)
स्थायी बंदोबस्त
B)
स्थायी बंदोबस्त तथा रैयतवाड़ी बंदोबस्त
C)
रैयतवाड़ी तथा महालवाड़ी
D)
रैयतवाड़ी बंदोबस्त
 [10]
रैयतवाड़ी व्यवस्था के लाभ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा कथन सही नहीं है?
A)
इस व्यवस्था से भूमि पर किसानों का निजी स्वामित्व स्थापित हुआ, जिससे भूमि क्षेत्र में पूंजीवादी व्यवस्था को आधार मिला।
B)
जमींदारी व्यवस्था की तुलना में यह व्यवस्था अंग्रेज़ी सरकार के लिये अधिक सस्ती व लाभप्रद थी।
C)
व्यवस्था स्थायी न होने के कारण सरकार को अतिरिक्त लाभ मिलने की गुंजाइश बनी।
D)
राज्य एवं किसानों के मध्य प्रत्यक्ष संबंध यानी बिचौलियों का आधार कमज़ोर हुआ।

 [1]
उत्तरः (c)

व्याख्याः 1857 के विद्रोह के दमन के पश्चात् ब्रिटिश सरकार ने सेना के पुनर्गठन के लिये ‘पील कमीशन’ का गठन किया। जिसने भारतीय रेजीमेंटों को जाति, समुदाय, धर्म के आधार पर विभाजित किया। बंगाल में यूरोपीय सैनिकों का भारतीय सैनिकों से 1 : 2 का अनुपात रखा गया, जबकि मद्रास तथा बंबई में यह अनुपात 1 : 3 का रखा गया।

[2]
उत्तरः (c)

व्याख्याः 1857 के विद्रोह को सभ्यता तथा बर्बरता का संघर्ष टी.आर. होम्स ने माना है, जबकि लॉरेन्स एवं सीले ने इसे मात्र एक सैनिक विद्रोह की संज्ञा दी है।सीले क अनुसार “यह विद्रोह पूरी तरह देशभक्ति से रहित स्वार्थपूर्ण  सैनिक विद्रोह था,जिसका न तो कोई नेतृत्व था और न ही कोई जन समर्थन”।

[3]
उत्तरः (d)

व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सही  हैं। 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण सैनिक विद्रोह को माना जा सकता है परन्तु इसके पीछे कई अन्य आर्थिक, प्रशासनिक, सामाजिक तथा धार्मिक कारण भी निहित थे जो निम्नलिखित है -

ब्रिटिश शासन की प्रकृति विदेशी थी।
लॉर्ड विलियम बेंटिक ने राजस्व मुक्त भूमि पुनः जमीदारों से छीनने की कोशिश की।
1813 ई. के बाद भारत में ईसाई धर्म के प्रचार हेतु विभिन्न मिशनरियों को छूट दी गई।
1850 ई. में धार्मिक निर्योग्यता अधिनियम पारित किया गया जिसके अनुसार यदि पुत्र अपना धर्म बदल भी लेता है तब भी उसे पिता की संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।
अंग्रेज़ों की धार्मिक हस्तक्षेप की नीति ने हिंदू तथा मुसलमानों में कंपनी के प्रति शंका भर दी।
[4]
उत्तरः (d)

व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं। 1857 के विद्रोह के परिणाम निम्नलिखित हैं:

भारत में कंपनी शासन का अंत हो गया साथ ही शासन का अधिकार ब्रिटिश क्राउन पर आ गया। भारत सचिव के पद का सृजन किया गया तथा गवर्नर जनरल अब वायसराय कहा जाने लगा।
नवंबर 1858 ई. में महारानी विक्टोरिया की घोषणा आई, जिसके अनुसार रजवाड़ों/सरदारों को संतुष्ट करने की कोशिश की गई।
1861 ई. में ‘इंडियन सिविल सर्विसेज एक्ट’ पास हुआ।
सैनिक क्षेत्र में भारतीय तत्त्वों को यूरोपीय तत्त्वों से संतुलित करने की कोशिश की गई।
सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में अहस्तक्षेप की नीति को प्रोत्साहित किया गया।
[5]
उत्तरः (b)

व्याख्याः कार्नवालिस ने लगान व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने की ज़िम्मेदारी जॉन शोर को सौंप दी। कमेटी के समक्ष तीन प्रमुख समस्याएँ थीः 

1. भूमि का स्वामी किसे माना जाए? 

2. लगान की राशि क्या हो? 
3. लगान निर्धारण कितने समय के लिये किया जाए?

अंततः किसानों को नहीं बल्कि जमींदारों को भू-स्वामी मान लिया गया तथा राजस्व का 89% हिस्सा सरकार का तथा 11 प्रतिशत हिस्सा जमींदार का तय कर दिया गया। राजस्व आकलन हेतु 1789 को आधार वर्ष बनाया गया। अतः  कथन (b) गलत है ।अन्य सभी कथन सही हैं।
[6]
उत्तरः (a)

व्याख्याः सूर्यास्त का नियम स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था से संबंधित था, जिसके तहत जमींदारों को निश्चित दिन के सूर्यास्त से पूर्व कोष में धन जमा करना पड़ता था अन्यथा उनकी भूमि जब्त कर ली जाती थी। यह सूर्यास्त का नियम ऐसा नियम था जिसके कारण कई जमींदारों को बहुत कष्ट उठाने पड़े। 1797-98 में लगभग 17 प्रतिशत जमींदारों की भूमि नीलाम हो गई।

[7]
उत्तरः (a)

व्याख्याः यह व्यवस्था बंगाल, बिहार, उड़ीसा तथा उत्तर प्रदेश के वाराणसी एवं उत्तरी कर्नाटक में लागू की गई।

[8]

उत्तरः (a)

व्याख्याः कथन (a) असत्य है, क्योंकि लगान स्थायी होने के कारण कृषि में उन्नति का फायदा सरकार को मिलना बंद हो गया और सरकारी आय में वृद्धि बंद हो गई। ऐसे में कृषि विकास का फायदा केवल जमींदारों को मिला। अन्य तीनों कथन सही हैं।

[9]
उत्तरः (d)

व्याख्याः रैयतवाड़ी बंदोबस्त की शुरुआत 1792 ई. में मद्रास प्रेसीडेंसी के ‘बारामहल’ क्षेत्र से हुई। यह व्यवस्था मुख्यतः रीड द्वारा संपादित थी। रीड की इस व्यवस्था का समर्थन ‘मुनरो’ ने भी किया। बंबई प्रेसीडेंसी में इस व्यवस्था को लागू करने का श्रेय ‘एलिफिंस्टन’ तथा ‘चैपलिन’ को जाता है। ब्रिटिश भारत के 51% भू-भाग पर इस व्यवस्था को लागू किया गया था।

[10]
उत्तरः (b)

व्याख्याः 


कथन (b) गलत है क्योंकि जमींदारी व्यवस्था की तुलना में यह व्यवस्था महँगी थी। अब सरकारी प्रशासन का बोझ बहुत ज्यादा  बढ़ गया।
व्यक्तिगत रिकॉर्ड रखना तथा भूमि का सर्वेक्षण जैसे कार्यों के तहत राजस्व विभाग बेहद विस्तृत तथा जटिल हो गया। अन्य तीनों कथन सत्य हैं।