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Monday, July 1, 2019

The hypocrisy of democracy is more dangerous than real fascism. In the present politics of India is preparing the base of legitimacy for fascism.



The hypocrisy of democracy is more dangerous than real fascism. In the present politics of India is preparing the base of legitimacy for fascism.

लोकतंत्र का पाखंड वास्तविक फासीवाद से ज्यादा खतरनाक है। भारत की वर्तमान राजनीति में फासीवाद के लिए वैधता का आधार तैयार किया जा रहा है।

Wednesday, May 1, 2019

Every goal, every action, every thought, every emotion, whether it is known as conscious or subconscious, is an effort towards increasing mental peace.


Every goal, every action, every thought, every emotion, whether it is known as conscious or subconscious, is an effort towards increasing mental peace.

प्रत्येक लक्ष्य, प्रत्येक क्रिया, प्रत्येक विचार, प्रत्येक भावना, चाहे वह जागरूक या अवचेतन के रूप में जाना जाता है, मानसिक शांति बढ़ाने की दिशा में एक प्रयास है।

Wednesday, August 15, 2018

स्वतंत्रता दिवस’ भाषण


आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप प्रधानाचार्य महोदय, माननीय आचार्य गण, अभिभावकगण एवं प्यारे सहपाठियों आप सभी को आजादी की हार्दिक शुभकामनायेँ! आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुझे आपके समक्ष अपने विचार व्यक्त करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है जिससे बेहद खुशी की अनुभूति हो रही है।
साथियों! आज के दिन को भारत के इतिहास का सबसे सर्वश्रेष्ठ दिन माना गया है| 15 अगस्त 1947 को ही हमारा देश आजाद हुआ था,  जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के नाम से जानते है । आज हम 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं इसे प्राप्त करने के लिए न जाने कितने स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जाने गंवाई थी। आज का दिन उन्ही सभी शहिदों को याद करने का है। उनके इस कर्ज को तो हम कभी नहीं चूका पाएंगे लेकिन इतना जरुर है की उनके द्वारा दिलाई गयी इस आजादी को हम सहेज कर रखेंगे।
दोस्तो !
क्या समझोगे तुम इस युग में कि
प्राण गवाने का डर क्या था,

क्या समझोगे तुम इस दौर में की
अंग्रेजो के प्रतारण का स्तर क्या था।

क्या देखा है रातों रात,
पूरे गांव का जल जाना।

क्या देखा है वो मंजर,
बच्चों का भूख से मर जाना।

कहने को धरती अपनी थी, पर
भोजन का न एक निवाला था।

धूप तो उगता था हर दिन,
पर हर घर में अंधियारा था।
दोस्तो! अंग्रेज़ो ने जो किया है उससे सिख लेनी है साथ ही  हमें भारत को और इतना मजबूत करना है की कोई हम पर शासन करने की तो दूर की बात है हमारे भारत की तरफ आँख उठा कर भी न देख सके।
हमारे भारत के लिए जीन हस्तियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी है मै उनको नमन करता हूँ और कसम खाता हूँ की अपने भारत के लिए अगर जान भी देनी पड़ेगी तो मैं पीछे नहीं हटूंगा।
क्योकि 15 अगस्त राष्ट्रीय त्यौहार होने के साथ-साथ एक भारतीय स्वाभिमान की रक्षा का दिवस भी है, जहां सभी धर्म के लोग रहते हैं जिनके रीति रिवाज सब अलग अलग है जो भारत की एक खासियत है भले ही भारत में अनेकों जाती धर्म के लोग रहते हैं, लेकिन भारत में रहने वाला प्रत्येक नागरिक भारतीय है और हम सबों  में एकता है।
साथियों ! परंतु बड़े ही अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि वर्तमान में कुछ समूह, समुदाय, संगठन, जैसे- कश्मीर मे पत्थरबाज ग्रुप, भारत के कुछ बिके हुये मीडिया, भगवा आतंकी.... आदि,  जैसे लोग भारत की एकता और अखंडता को खंडित करने का प्रयास कर, भारत माँ  की छाती में खंजर भोंक रहे है  तथा  उन शहीदों का अपमान कर रहे हैं जिन्होंने आजादी के लिए  शहादत दी।
दोस्तो! हमें कुछ पाने के लिए कुछ खोना पढ़ता है ठीक उसी तरह आजादी पाने  के लिए वसुंधरा ने अपने वीर सपूतों को खोया है, अनेकों माँ ने अपनी कोख खोई है, सुहागन ने अपने सुहाग खोया है, और आज जो आप ने कलाइयो पर राखी सूसोभित हो रही है कई बहने ने इसी आजादी के लिए अपने भाई को खोई है, अपने भाई के उस कलाई को खोई है जिस पर कभी वो राखी बंधा करती थी। हमे उनके इस सर्वश्रेस्ठ त्याग को कभी नहीं भूलना चाहिए और भारतबर्ष कि एकता और अखंडता को बनाए रखना चाहिए।
अंत मे मैं बस आप सब से इतना ही कहना चाहता हूँ कि_
हम आजाद हैं, आजादी कभी छिनने नहीं देंगे
तिरंगे की शान को हम कभी मिटने नहीं देंगे
कोई आंख भी उठाएगा जो हिंदुस्तान की तरफ
उन आंखों को  दुबारा दुनिया देखने नहीं देंगे

इतना ही कह कर मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं तथा आप सभी से निवेदन करता हूँ  कि आप लोग भी एक बार मेरे साथ जोर से बोले _

भारत माता की जय !  
इन्कलाब जिंदाबाद !
जय हिन्द ! जय भारत !
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