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Saturday, August 18, 2018

प्रश्न:-भारत को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व के सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रों में शामिल किये जाने के लिये किन उपायों पर बल दिया जाना चाहिये? चर्चा करें।

     विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक समृद्ध विरासत होने के बाद भी औपनिवेशिक शासन के कारण स्वतंत्रता प्राप्ति तक भारत अन्य देशों की तुलना में इन क्षेत्रों में पीछे हो चुका था। स्वतंत्रता के बाद भारत में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के विकास के कई प्रयास किये गए, किंतु वर्तमान समय तक इस क्षेत्र का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है। हम वैज्ञानिक तथा तकनीकी आवश्यकताओं के लिये अभी भी अमेरिका, चीन, रूस, जापान तथा इजराइल जैसे देशों पर निर्भर हैं।
देश में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास हेतु निम्न उपाय किये जा सकते हैं-
  • भारत में स्कूलों के पाठ्यक्रम में विज्ञान की शिक्षा पद्धति तथा पाठ्यक्रम को मनोरंजक तथा अद्यतन बनाए जाने की आवश्यकता है।  निरर्थक सिद्धांतों के स्थान पर आकर्षक तथा मनोरंजक प्रयोगों पर बल देकर ऐसा किया जा सकता है। 
  • समाज में विज्ञान के लिये सकारात्मक माहौल बनाने की आवश्यकता है। बच्चों से यदि पूछा जाए कि वे बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं तो शायद ही कोई वैज्ञानिक बनने के बारे में कहेगा। ऐसे में वैज्ञानिक खोजों के साथ साथ  वैज्ञानिकों के प्रति अभिरुचि जगाये जाने की आवश्यकता है।  मीडिया तथा फिल्मों के माध्यम से ऐसा किया जा सकता है।
  • विज्ञान की शिक्षा को रोजगार तथा आवश्यकताओं से जोड़ने की आवश्यकता है।
  • विज्ञान का महत्त्व बढ़ाने के लिये लोगों में तर्कशीलता का होना आवश्यक है अतः लोगों में वैज्ञानिक चेतना को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है।
  • विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के विकास की एक बड़ी बाधा लोगों की कमजोर आर्थिक स्थिति भी है। उच्च शिक्षा के लिये अपेक्षाकृत अधिक धन की आवश्यकता के कारण लोग विज्ञान के क्षेत्र में उच्च शिक्षा जारी नहीं रख पाते।
  • ज्ञातव्य है कि भारत विज्ञान के क्षेत्र में रिसर्च एवं विकास में जीडीपी का केवल 0.9 प्रतिशत ही खर्च कर पाता है जो कि चीन, जापान, अमेरिका जैसे देशों की तुलना में अत्यंत कम है। अतः रिसर्च तथा विकास पर खर्च को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
  • इसके अलावा निजी क्षेत्रों के सहयोग से भी भारत में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जा सकता है।
     विज्ञान तथा तकनीकी किसी भी क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक विकास के लिये आवश्यक है। भारतीय प्रधानमंत्री ने विज्ञान तथा तकनीक में 2030 तक भारत को शीर्षदेशों में शामिल कराने की बात की है। उपरोक्त विचारों पर अमल करके इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।